simple yakshini sadhana
simple yakshini sadhana
या
(8 ) नटी याक्षिणी:-
simple yakshini sadhanaसाधन का समय :-
या
(8 ) नटी याक्षिणी:-
simple yakshini sadhana |
इसके साधन करने का समय प्रातः काल सूर्योदय से सूर्य अस्त तक होता है।
simple yakshini sadhana साधन मंत्र :-
ॐ नमो ह्रीं फट स्वाहा।
ॐ क्लीम फट फट स्वाहा।।
ॐ नटी याक्षिणी स्वाहा।
ॐ कुरु कुरु फट स्वाहा।।
सुनसान जंगल में जहा चोरस भूमि हो और सूर्य की किरण पूरी आती हो वहा पर सूर्य की ओर मुँह करके खड़े हो जाए प्रति एक घंटा एक सहस्त्र मंत्र जाप करते जाए जब तक सूर्य अस्त ना होवे तब तक बराबर जाप करते रहे। सूर्य अस्त होने के पश्चात घर आकर केवल दूध पीकर सो जाये और रात्रि को कुछ भी भोजन ना करे।
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simple yakshini sadhana नटी याक्षिणी का आगमन :-
जिस समय यह याक्षिणी आती है भैसे के समान हुंकार भर्ती आती है ,और साधक को अनेक विकराल रूप दिखला कर डराती है। यदि इस पर भी साधक डटा रहा तो यह सिद्धि 43 दिन में सिद्ध हो जाती है।
simple yakshini sadhana नटी याक्षिणी की सिद्धि का प्रभाव :-
इसके सिद्ध हो जाने पर हर साधक प्रत्येक कार्य अपनी इच्छा अनुशार कर सकता है।
simple yakshini sadhana नटी याक्षिणी का स्वरूप :-
यह याक्षिणी सुंदरी ,गौरांग स्त्री ,सर पर सुर्ख रंग की चुनरी ओढे रहती है ,और गले में मुंडो की माला धारण किये ,नव पल्ल्व बदन पर लपेटे हुए हसती खेलती साधक के सामने खड़ी हो जाती है।
(9) simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी :-
simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का स्वरूप :-
लाल रंग के वस्त्र धारण किये हुए ,मुख में पान खाये ,नाक में नथ ,लम्बी भुजाये ,हाथो की ऊँगली में बलिस्त लम्बे-लम्बे नाख़ून और चार इंच चोदे ,पैर नाटे ,बिना पंजे वाली ,एक हाथ में क्रिपाड़ और दुषरे में मुंड माला लिए होती है।
simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का साधन का समय :-
अनुरागिनी याक्षिणी की साधना करने का समय साम के 5 बजे के बाद एकांत में किसी जंगल या रेगिस्तान में करना होता है। और झा साधक को बैठना है वहा की भूमि समतल होनी चाहिए।
इसमें ऊट के बालो की माला बनाकर तीश हजार बार प्रतिदिन करे (जाप थोड़ा- थोड़ा करके रोज पूरा करना है पुरे 30 हजार जाप एक दिन में नहीं करना है।) जब जाप करते 27 दिन पुरे हो जायेंगे तब याक्षिणी अपना प्रभाव करना शुरू करती है।
simple yakshini sadhana मंत्र :-
ॐ नमः अनुरागिनी याक्षिणी नमः।
हनि -हनि -हनि पचि -पचि-पचि फट स्वाहा ।।
simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का आगमन :-
इस याक्षिणी के आने से पहले लाल रंग का फर्श बिछा दिखाई पड़ता है। बैलो के झुण्ड के झुण्ड आते हुए दिखाई देते है,जिन पर अनेक रूप धारण किये विकट खोपड़ी वाले भूत दिखाई देते है। सबके पीछे अनुरागिनी याक्षिणी की सवारी आती है। यह ऊट पर बैठी हुई पीछे की ओर मुँह किये हुए आती है।
simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का प्रभाव :-
यह याक्षिणी आते हुए साधक की ओर चढ़ी हुई सी आती है ,और यदि साधक भयभीत होकर खड़ा हो गया तो उसे पागल कर देती है नहीं तो सिद्ध होने पर साधक के इच्छा अनुसार काम करती है।
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simple yakshini sadhana नटी याक्षिणी की सिद्धि का प्रभाव :-
इसके सिद्ध हो जाने पर हर साधक प्रत्येक कार्य अपनी इच्छा अनुशार कर सकता है।
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simple yakshini sadhana नटी याक्षिणी का स्वरूप :-
यह याक्षिणी सुंदरी ,गौरांग स्त्री ,सर पर सुर्ख रंग की चुनरी ओढे रहती है ,और गले में मुंडो की माला धारण किये ,नव पल्ल्व बदन पर लपेटे हुए हसती खेलती साधक के सामने खड़ी हो जाती है।
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(9) simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी :-
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simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का स्वरूप :-
लाल रंग के वस्त्र धारण किये हुए ,मुख में पान खाये ,नाक में नथ ,लम्बी भुजाये ,हाथो की ऊँगली में बलिस्त लम्बे-लम्बे नाख़ून और चार इंच चोदे ,पैर नाटे ,बिना पंजे वाली ,एक हाथ में क्रिपाड़ और दुषरे में मुंड माला लिए होती है।
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simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का साधन का समय :-
अनुरागिनी याक्षिणी की साधना करने का समय साम के 5 बजे के बाद एकांत में किसी जंगल या रेगिस्तान में करना होता है। और झा साधक को बैठना है वहा की भूमि समतल होनी चाहिए।
इसमें ऊट के बालो की माला बनाकर तीश हजार बार प्रतिदिन करे (जाप थोड़ा- थोड़ा करके रोज पूरा करना है पुरे 30 हजार जाप एक दिन में नहीं करना है।) जब जाप करते 27 दिन पुरे हो जायेंगे तब याक्षिणी अपना प्रभाव करना शुरू करती है।
simple yakshini sadhana मंत्र :-
ॐ नमः अनुरागिनी याक्षिणी नमः।
हनि -हनि -हनि पचि -पचि-पचि फट स्वाहा ।।
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simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का आगमन :-
इस याक्षिणी के आने से पहले लाल रंग का फर्श बिछा दिखाई पड़ता है। बैलो के झुण्ड के झुण्ड आते हुए दिखाई देते है,जिन पर अनेक रूप धारण किये विकट खोपड़ी वाले भूत दिखाई देते है। सबके पीछे अनुरागिनी याक्षिणी की सवारी आती है। यह ऊट पर बैठी हुई पीछे की ओर मुँह किये हुए आती है।
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simple yakshini sadhana अनुरागिनी याक्षिणी का प्रभाव :-
यह याक्षिणी आते हुए साधक की ओर चढ़ी हुई सी आती है ,और यदि साधक भयभीत होकर खड़ा हो गया तो उसे पागल कर देती है नहीं तो सिद्ध होने पर साधक के इच्छा अनुसार काम करती है।
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