yakshini siddhi mantra
yakshini siddhi mantra (11) चन्द्रिका यक्षिणी :- yakshini siddhi mantra yakshini siddhi mantra साधना का समय :- इसका साधना का समय रात्री के 11 बजे चांदनी रात्रि में होता है। साधक श्मसान भूमि में जाकर मुर्दे की चिता वाली भूमि अर्धचन्दाकार मुर्दे की हड्डियों का बनावे और आर्द्रा नक्षत्र में चंद्रवार के दिन से मंत्र की आराधना करे। जब स्वाति नक्षत्र में सुषुम्ना नाड़ी चलने लगे उस समय जाप की समाप्ति करनी चाहिए। yakshini siddhi mantra yakshini siddhi mantra साधना मंत्र :- ॐ ह्रीं क्लीम चामुण्डाय विरचेशी स्वाहा। ॐ चंडिका यक्षिणे नमः स्वाहा। । इस मंत्र को पचास हजार दफा जाप करे और इसके जाप के लिए मुर्दे की हड्डियों के दाने की माला उनमे पिरोए प्रत्येक दाने पर ॐ श्री ,ॐ क्षी ॐ क्षी ,बिच में अंकित करे और प्रति एक जाप पर घी गुड़ की आहुतिया देना चाहिए। भोग के लिए चावल काले उर्द का बलिदान त्यार रखे। रवन की अंतिम आहुति दही ,दूध घृत और षड की देवे और जाकर ब्रहाम्णो को खीर का भोजन करना अनिवार्य है। और अणि इच्छा या अपनी शक्ति के अनुसार दान दक्षिणा देना चाहिए। yakshini siddhi mantra y