keel of a ship।। किल विधी
keel of a ship या किल विधी:-
keel of a ship |
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको keel of a ship (कील) के बारे में बताएंगे की तंत्र मंत्र की दुनिया में keel of a ship (कील) क्या होता है (कील) keel of a ship विध्या के द्वारा हम अनेक प्रकार के रोगो का उपचार वह अपने दुश्मनो को सही और उससे बचने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
जिस प्रकार लोहे की (कील) keel of a ship होती है और उस (कील) keel of a ship के द्वारा घर,दरवाजा और मकानों का keelung किया जाता है। इसी प्रकार कुछ और भी प्रकार की(कील) keel of a ship बनाई जाती हैजो की लोहे की नहीं जबकि बृक्षों की जड़ ,हड्डी आदि से बना कर तैयार की जाती है।
इन(कील) keel of a ship का प्रयोग विभिन्न होता है या कई प्रकार से की जाती है मुख्यतः (कील)keel of a ship कोई भी हो उनका प्रयोग मारन ,उच्चाटन के ही होते है घर द्वार को (कील) keel of a ship का यह अर्थ होता है की घर में शांति हो और ऊपरी हवाओ का प्रभाव ना हो और यदि प्रभाव हो तो नष्ट हो जाए। इसी भाति (कील) keel of a ship के प्रयोग कुछ नष्ट करने के लिए ही होता है।
keel of a ship (1) आक की कील:-
आक एक सर्वविदिन वृक्ष है ,इस वृक्ष की जड़ को कृतिका नक्षत्र में लेकर तीन अंगुल प्रमाण की कील बनाकरके तालाब में गाड़ने से तालाब की समश्त मछलिया मर जाती है।
keel of a ship |
keel of a ship (2)बेरी की कील :-
विशाखा नक्षत्र में बेर वृक्ष की जड़ आठ अंगुल प्रमाण की कील बनाकर केले के बाग़ में गाड़ने से केले का फल नष्ट हो जाता है।
keel of a ship |
keel of a ship (3) जँभीरी की कील :-
यह एक प्रकार का फल होता है जो नीबू के समान दीखता है इसकी जड़ को अश्वनी नक्षत्र में प्राप्त करके या या लाकरके 12 अंगुल प्रमाण की एक कील बनाकर जुलाहे के घर में गाड़ दे जुलाहे का धागा नष्ट हो जायेगा।
keel of a ship |
keel of a ship (4) सुपारी की कील :-
शतभिषा नक्षत्र में सुपाड़ी की जड़ प्राप्त करके 9 अंगुल लम्भी कील बना करके पान की दुकान ,पान के खेत या पान वाले के घर में गाड़ देने से पान नष्ट हो जाता है।
keel of a ship |
keel of a ship (5)जामुन की कील :-
जामुन बृक्ष की जड़ को अनुराधा नक्षत्र में प्राप्त करके उसकी 8 अंगुल कील बनाकर दूधिये के घर में गाड़ देने से दूध नष्ट हो जाता है।
keel of a ship |
keel of a ship (6) कनेर की कील :-
(अ) जब हस्त नक्षत्र हो तब कनेर वृक्ष की जड़ ग्रहण करके 3 अंगुल लम्बी एक कील बनाये और इसे कुम्हार के घर में गाड़ दे कुम्हार के द्वारा बनाये गए सारे मिटटी के बर्तन नष्ट हो जाते है।
keel of a ship |
keel of a ship (ब) मृगशिरा नक्षत्र में वाले दिन कनेर की टहनी लेकर 9 अंगुल लम्बी कील बनाकर और निम्नलिखित मंत्र से 7 बार अभिमंत्रित करके भूमि में दबादे तो वशीकरण अवश्य ही हो जाता है।
"ॐ अमुकं हूँ हूँ स्वाहा।
इसमें अमुक के स्थान पर उस व्यक्ति या मनुष्य का नाम लेना है जिसका वशीकरण करना है।
keel of a ship (7) साप की कील :-
आश्लेषा नक्षत्र में साप की हड्डी लेकर ढाई inch लुम्बी कील बनाये और इस कील को शत्रु के घर में गाड़ दे तो शत्रु की सारी संतान नष्ट हो जाती है।
keel of a ship |
keel of a ship (8) लोहे की कील :-
एक कोए को मार करके उसका पित निकाले और एक लोहे की कील लेकर इसके भीतर पिरो दे। अब इतना करने के बाद लगभग 5 सूत तक की कील इस पित में लिप्त हो जाए। अब इस कील को जिस किसी के द्वार में गाड़ेंगे तो वह द्वार हमेशा ही निवाशियो से विहीन रहता है।
keel of a ship |
keel of a ship (9) पीपल की कील :-
जब अस्वनी नक्षत्र हो तब पीपल जड़ लेकर लगभग 10 अंगुल लम्बी एक कील बनाकर जिसके द्वार पर गाड़ देंगे वह अचानक लम्बी यात्रा पर चल देगा।
keel of a ship (10) वट की कील :-
यदि कोई स्त्री वट बृक्ष की जड़ को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के सहयोग में प्राप्त करके अपनी भुजा पर धारण करती है तो उसे अवश्य ही गर्भ स्थापन होता है। इस प्रयोग का लाभ बन्ध्या स्त्री करके मातृत्व सुख पा सकती है।
keel of a ship (11) चिरचिटे की कील :-
यदि बचो को जन्म देने में स्त्री को अत्यंत कष्ट हो रहा हो तो चिरचिटे की जड़ लेकर चार आंगुल लम्बी कील बनाकरके स्त्री की योनि पर रख दे इसके प्रभाव से बच्चा बिना कष्ट दिए ही पैदा हो जाएगा।
keel of a ship (12) आक की कील :-
कृतिका नक्षत्र में आक बृक्ष की जड़ लेकर 16 अंगुल लम्बी कील बनाये और मदिरालय में गड दे। इसके प्रभाव से वहा की सारी मदिरा अपना मद त्याग पानी की भाति लगती है।
keel of a ship (13) मुलेहठी की कील :-
जब चित्रा नक्षत्र हो तो मुलैहठी की जड़ प्राप्त करके चार अंगुल लम्बी कील बनाये और उसे तेली के घर में गाड़ने से उसका सारा तेल नष्ट हो जाता है।
keel of a ship (14) घोड़े की कील :-
जब अश्वनी नक्षत्र हो तब किसी घोड़े की हड्डी प्राप्त करके सात अंगुल लम्बी कील बनाये और उसे घुड़साल में गाड़ दे तो वहा के सारे घोड़े नष्ट हो जाते है।
keel of a ship (15) ऊट की कील :-
कभी भी किसी ऊट की हड्डी लेकर किसी भी अस्तबल के चारो कोने में गाड़ दे तो वहा के सारे पशु स्तम्भित हो जाते है।
keel of a ship (16) मनुष्य की कील :-
रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र हो तब किसी श्मसान से मनुष्य की हड्डी लाकर जिस द्वार पर गाड़ दिया जाए तो उस द्वार के समस्त निवासी नष्ट हो जाते है या उस स्थान से भाग जाते है।
keel of a ship (17 )क्षीरी की कील :-
जब भरणी नक्षत्र हो तब क्षीरी नामक बृक्ष की लकड़ी लेकर पांच अंगुल लम्बी कील बनाकर नव में गाड़ दे या ढाल दे। इसके प्रभाव से नाव जल में नहीं चलेगी।
keel of a ship (18) उल्लू की कील :-
जब भरनी नक्षत्र हो तब उल्लू की हड्डी लेकर जिस व्यक्ति के द्वार पर गाड़ देंगे। तो उस व्यक्ति का उच्चाटन हो जाएगा।
जब अस्वनी नक्षत्र हो तब पीपल जड़ लेकर लगभग 10 अंगुल लम्बी एक कील बनाकर जिसके द्वार पर गाड़ देंगे वह अचानक लम्बी यात्रा पर चल देगा।
keel of a ship |
keel of a ship (10) वट की कील :-
यदि कोई स्त्री वट बृक्ष की जड़ को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के सहयोग में प्राप्त करके अपनी भुजा पर धारण करती है तो उसे अवश्य ही गर्भ स्थापन होता है। इस प्रयोग का लाभ बन्ध्या स्त्री करके मातृत्व सुख पा सकती है।
keel of a ship |
keel of a ship (11) चिरचिटे की कील :-
यदि बचो को जन्म देने में स्त्री को अत्यंत कष्ट हो रहा हो तो चिरचिटे की जड़ लेकर चार आंगुल लम्बी कील बनाकरके स्त्री की योनि पर रख दे इसके प्रभाव से बच्चा बिना कष्ट दिए ही पैदा हो जाएगा।
keel of a ship |
keel of a ship (12) आक की कील :-
कृतिका नक्षत्र में आक बृक्ष की जड़ लेकर 16 अंगुल लम्बी कील बनाये और मदिरालय में गड दे। इसके प्रभाव से वहा की सारी मदिरा अपना मद त्याग पानी की भाति लगती है।
keel of a ship |
keel of a ship (13) मुलेहठी की कील :-
जब चित्रा नक्षत्र हो तो मुलैहठी की जड़ प्राप्त करके चार अंगुल लम्बी कील बनाये और उसे तेली के घर में गाड़ने से उसका सारा तेल नष्ट हो जाता है।
keel of a ship |
keel of a ship (14) घोड़े की कील :-
जब अश्वनी नक्षत्र हो तब किसी घोड़े की हड्डी प्राप्त करके सात अंगुल लम्बी कील बनाये और उसे घुड़साल में गाड़ दे तो वहा के सारे घोड़े नष्ट हो जाते है।
keel of a ship |
keel of a ship (15) ऊट की कील :-
कभी भी किसी ऊट की हड्डी लेकर किसी भी अस्तबल के चारो कोने में गाड़ दे तो वहा के सारे पशु स्तम्भित हो जाते है।
keel of a ship |
keel of a ship (16) मनुष्य की कील :-
रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र हो तब किसी श्मसान से मनुष्य की हड्डी लाकर जिस द्वार पर गाड़ दिया जाए तो उस द्वार के समस्त निवासी नष्ट हो जाते है या उस स्थान से भाग जाते है।
keel of a ship |
keel of a ship (17 )क्षीरी की कील :-
जब भरणी नक्षत्र हो तब क्षीरी नामक बृक्ष की लकड़ी लेकर पांच अंगुल लम्बी कील बनाकर नव में गाड़ दे या ढाल दे। इसके प्रभाव से नाव जल में नहीं चलेगी।
keel of a ship |
keel of a ship (18) उल्लू की कील :-
जब भरनी नक्षत्र हो तब उल्लू की हड्डी लेकर जिस व्यक्ति के द्वार पर गाड़ देंगे। तो उस व्यक्ति का उच्चाटन हो जाएगा।
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