jua jitne ka saral upay
jua jitne ka saral upay या जुआ जितने का यंत्र बनाना:-
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jua jitne ka saral upay सामग्री:-
गोरोचन ,केशर , असगंध,भोजपत्र, लाल रंग का आसनjua jitne ka gharelu upay समय:-
स्वाति नक्षत्रjua jitne ka saral upay |
jua jitne ka gharelu upay स्थान:-
किसी भी एकांत स्थान परjua jitne ka mantra bataye विधि:-
इस यंत्र को बनाने के लिए सबसे पहले आप सारी सामग्री अपने पास एकत्रीत कर लेऔर स्वाति नक्षत्र में किसी एकांत स्थान पर चले जाइए।
अब लाल आसन पर बैठ जाइए। अपना मुख उतर दिशा की तरफ कर ले,अब गोरोचन ,केसर, असगंध को एक मिश्रण बनाकर उसमें पानी मिला लीजिए।
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अब इस बने हुए घोल से भोजपत्र पर बताए हुए यंत्र को बनाए और इसे अगरबती, धूप, दीप से इसकी पूजा करे
और लाल रंग के कपड़े में इसे सिलकर अपने दाहिने हाथ में बांध ले।
और अगले दिन जैसे ही आप जुआ खेलने जाएंगे तो आप काफी उन्नति पाएंगे।
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jua jitne ka achuk mantra साधनिया:-
*इस यंत्र का उपयोग ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लालच बुरा होता है।*भोजपत्र साफ होना चाहिए कहीं से फटा या खराब नहीं होना चाहिए
*इस यंत्र का जिक्र किसी दूसरे से ना करे
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भर्ग का अर्थ एक गंभीर दशा कह सकते है। मुक्ति दसा में जिव ध्यानंद का उपयोग करता है। मनुष्य का उस समय उसका वही अंत है। वेदान्त दर्शन में कहा भी है भोग्य मात्र साम्यगीत मुक्ति में आनंद भोग के जीव की ब्रह्म से समता है संकेत से पूछें प्रश्न का संकेत में उपयुक्त समाधान पाकर मैत्रेय ने चरण पकड़ कर प्रार्थना की कहिए महाराज सविता क्या है और सावित्री क्या है।
इस पर मौद्गल्य ने कहा दो दो एक जोड़ कल्पना करके बताया है कि जहां मन वहां वाणी,जहां बाड़ी वहां मन अग्नि वहां पृथ्वी,जहां पृथ्वी वहां अग्नि,जहां वायु अंतरिक्ष जहां अंतरिक्ष चंद्रमा वहां नक्षत्र वहां चंद्रमा जहां दिन वहा रात जहा रात वहा दिन जहा ऊष्मा वहां सीत जहा सीत वहा उस्मा जहा वर्षा वहा अंदर विधुत शक्ति स्तन युक्तिकरण सावित्री जहां विद्युत व सविता अन्य सावित्री विद सविता छंद सावित्री यज्ञ समिति दक्षिणा सावित्री मित्र से ग्वाल कहते हैं कि आचार्य आबकारी के पास आज तू ब्रह्मचारी था आचार्य ने इस प्रश्न प्रवचन को सुनकर विरक्त होकर वह सन्यासी बन गया इतना तो मुझे भी ज्ञान है कि जो ब्रह्मचारी इन जोड़ों का रहस्य जानकर तदनुसार अनुष्ठान करता है वह संपूर्ण जीवन सुख रहता है।
jua jitne ka saral upay पुरुष सामुद्रिक :-
ज्योतिष ग्रंथों से लिखा है जिस मनुष्य की भुजाएं बड़ी हो वह उच्च श्रेणी का पुरुष होता है भगवान श्री रामचंद्र जी महाराज और श्री कृष्ण चंद्र जी महाराज की भुजाएं बड़ी थी।
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jua jitne ka saral upay कमर :-
बड़ी कमर वाले पुरुष के यहां संतान अधिक होती है।
jua jitne ka saral upay बाल :-
जिसके शरीर पर बाल अधिक हो वह दरी दरी होता है और जिसके बाल तांबे के रंग के होंगे वह भी दुष्ट होगा कोमल और चिकनी बालों वाला भला पुरुष होगा बालों की जड़ों में यदि गड्ढे हो तो वह साधु होगा मोटे रूखे और कठोर बाल वाला नीच जाति का पुरुष होता है पिंगल वार्ड के बालों वाला पापी होगा यदि आगे के आगे के भाग से बाल फटे हुए हो तो वह निर्धन होगा।
jua jitne ka saral upay पांव :-
जिसके के ऊपर का भाग चिकना,कोमल मोटा होता है और जिसमें रंगना चमके वह कल्याणकारी पुरुष होता है भैसे के समान गुल्फ वाला होता है वह दुखदाई रोग युक्त व संतान पर भारी होता है जिसके पांव की बगली कमल फूल के समान हो वह धनवान होता है समान बगली वाला सुखदायक होता है छोटी बकरी वाला कम आयु वाला होता है ऊंची बगली वाला तेजस्वी होता है।
jua jitne ka saral upay जंघा :-
जिसकी जंघा कदली या केले के समान बाल की ढकी हुई हो तो वह राजा होता है जिसकी जन गाय कुत्ते के ताई हो वह निर्धन होता है जिसकी जंघा सिंह या मछली की पूछ के समान धनवान होता है जिसकी जंघा फ्रिज के समान हो वह कंगाल होता है।
jua jitne ka saral upay घुटना :-
जिसके घुटने हाथी कैसे हो वह भाग्यवान होता है जिसके घुटने पुष्ट हुआ राजा होता है मांसहीन घुटने वाला प्रदेश में मरता है चपटे घुटने वाले की आयु 100 वर्ष की होती है छोटे घुटने वाला धनवान होता है बड़े घुटने वाला लंबी आयु वाला होता है।
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