dushman ko tabah karne ka mantra

 dushman ko tabah karne ka mantra या दो लोगो में दुश्मनी कराने का यंत्र :-

dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

नमस्कार दोस्तों आज एक बार फिर से आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग या वेबसाइड पर दोस्तों आज हम जो आपको विधि बताने जा रहा हु ,इससे आप अपने दुश्मन को आपस में झगड़ा करा सकते है या उसे परेशान कर सकते है। 
दोस्तों वैसे हम आपको जो भी विधि बताने रहा हु इससे आप अपने जीवन में सफलता तो पा सकते है लेकिन जरूरत पड़ने पर ,और यदि जरूरत नहीं है तो इसका इस्तेमाल बेसिक जीवन में नहीं करना चाहिए। 
 dushman ko tabah karne ka mantra सामग्री:-
आक की कलम,आक का पता ,कपिला गाय का गोबर
dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

 dushman ko tabah karne ka mantra समय

मंगलवार के दिन
दोपहर में 12 बजे
dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

 dushman ko tabah karne ka mantra विधी :-

इस यंत्र को बनाने के लिए सबसे पहले आप नहा कर साफ़ हो जाए !और बताए हुए सामग्री को अपने पास एकत्रित कर ले अब अपना मुख दक्षिण दिशा की तरफ कर ले और काले कपड़े के आसन पर बैठ जाइए।
अब यंत्र को आक के कलम से आक के पत्ते पर कपिला गाय के गोबर से बनाए,
और अगला दिन आने से पहले यंत्र को अपने दुश्मन के छत पर फेक दे।
तो सात दिन के अंदर ही उस घर में कलह चालू हो जाएगा।
dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

NOTE:-

इस प्रकार के यंत्र को बनाने से  पहले अपने आप को सुरछित कर लेना चाहिए नहीं तो इसका असर बहुत उल्टा होता है। 
dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

इंद्र बड़े संकोच में पड़ गया मगर फिर हृदय कठोर करके बोले -हे महाराज ! मै आपको विश्वास दिलाता हु की जैशा आपने कहा है वैसा ही करूंगा। तमाम बातो से दूर रहकर भी मै तांत्रिक विध्या को अवश्य सीखूंगा,मै आपको यह विश्वास दिलाता हु की जो कुछ भी आप कहेंगे मै वैसे ही काम करूंगा।
भगवान श्री वृहस्पति देव ने इंद्र का यह निश्चय देख कर कहा की जिस प्रकार मैने जगतगुरु श्री महादेव जी महाराज से यह अनुपम और सूर्य वाली तांत्रिक विध्या सिखी है वही मै तुमसे वर्णन करता हु।
dushman ko tabah karne ka mantra
 dushman ko tabah karne ka mantra

dushman ko tabah karne ka mantra इसके 6 प्रकार के कर्म है:-
1-शान्ति कर्म   2-वशीकरण कर्म     3-स्तम्भन कर्म        4-विद्वेषण कर्म    5-उच्चाट्न कर्म   6-मारन कर्म 
dushman ko tabah karne ka mantra इसके प्रयोग 9 प्रकार के है। 
मारन,मोहन,स्तम्भन,विद्वेषण,उच्चाटन,वशीकरण,आकर्षण,यक्षिणी,साधन और रशायन क्रिया है।

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