bhoot bhagane ka tarika

 bhoot bhagane ka tarika या भूत प्रेत को  भगाने का यंत्र :-

bhoot bhagane ka tarika
 bhoot bhagane ka tarika

नमस्कार दोस्तों आपका फिर से स्वागत है दोस्तों ेशे तो हमारे जीवन में काफी समस्या और परेशानिया आती है लेकिन कभी-कभी ऐसी समस्या भी आती है जिसे हम जान या पहचान नहीं पाते है और दिन पर दिन हमारा नुकशान होता रहता है इसमें या ऐसी समस्या को दूर करने के लिए यदि हमे कोई सिद्धि या मंत्र मिल जाए जिससे ये जान सके की समस्या का समाधान क्या है। तो हमारा हुआ नुक्सान भर सकते है या बची हुई मेहनत को बचा सकते है। 

NOTE:- इस यंत्र   का प्रयोग दो तरीके से कर सकते है


 bhoot bhagane ka tarika प्रयोग (1)

जिस घर में भूत प्रेत का साया हो उसी घर में इस यंत्र को पीपल के पत्ते पर लिखे और काले कपड़े में सिलकर
टांग  दें, तो उस घर में भूत प्रेत का साया खत्म हो जाता है।
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 bhoot bhagane ka tarika प्रयोग (2)

इस यंत्र को चांदी की तश्तरी पर शमशान की मिट्टी लाकर भूत के सताए हुए रोगी के सिर पर दो मिनट रख कर तालाब में फेक दे ,तो रोगी के उपर से फूट प्रेत भाग जाते हैं।
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आचार्य का उपदेश पाकर शिष्य मैत्रेय के पास पहुंचा और आचार्य प्रदिष्ट रीती ने उससे जिज्ञाषा की। ग्वाल मैत्रेय उस प्रश्न समाधान ना कर सका। इस पर अपने शिस्यो को कहा की -'तुम यच्छेद अपने घरो को चले जाओ। मैने मौद्गल्य को दुर्धियान कहा किन्तु उसने प्रश्न का समाधान ना कर सका अतः मै उसके पास जाकर शिक्क्षा ग्रहण करूंगा'।
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अगले दिन प्रातः मैत्रेय भीमतपानी एकदशक्षा मौद्गल्य के पास गए। मौद्गल्य ने पूछा तो मैत्रेय ने सरलता पूर्वक साड़ी बात कह दी और साथ ही कहा -''मै आपसे शिक्षा लेने आया हु ''और शल्य ने खा -''लोग आपको पापरठ रोहि कहते है। मै आपको कल्याणमय रथ देता हु लीजिये। ''मैत्रेय ने गदगद होकर कहा -यह आपको अभय प्रदान दिया गया है ,मै आपका शिष्य बनता हु ''शिष्य बनकर पूछा महाराज ?कहिये ज्ञानी लोग। 
''सवितुवर्रेण्यं भर्गो देवश्य '' का क्या प्रभाव बताते है 'धिय' पद से क्या ग्रहण करते है। क्यों सविता उसमे प्रविष्ट होकर सुप्रेणा करता है।
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मौद्गल्य ने उत्तर दिया -हे मैत्रेय !वेदछन्द... छन्दोमर अथवा आनन्द के साधन है। ज्ञानी शक्ति के वर्णाभरय को अनन्त बताते 'धीय'पद का अर्थ कर्म्म कहते है। जिन कर्मो से मनुष्य व्यवहार करता है सविता उनको सुप्रेणा करता है।


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