मसान जगाने का यंत्र।।teliya masan ki khopdi
teliya masan ki khopdi या मसान जगाने का यंत्र बनाना:-
teliya masan ki khopdi |
teliya masan ki khopdi सामग्री:-
शमशान में से चिता की राख,सफ़ेद कागज ,एक बोतल शराब या दारूteliya masan ki khopdi समय:-
रात्री के समय 12 बजेteliya masan ki khopdi |
teliya masan ki khopdi विधी:-
इस प्रकार के यंत्र को बनाने के लिए आप अपने घर में किसी को बताए बिना रात्री के समय 12 बजे से कुछ समय पहिले पहुंच जाईये और वहा पर बताई हुईं सामग्री एकत्रीत कर लीजिए।इसके बाद जब भी 12बजे समय हो तो शमशान की राख से बताए हुए यंत्र को बनाए।
इतना करने के बाद अब किसी भी मुर्दे के नीचे इस यंत्र को गाड दीजिए और ऊपर से शराब को गिराइए
ऐसा करने पर मशान उठ कर खड़ा हो जाता है तो आप तुरंत लोहबान की धूप उसे दीजिए।
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teliya masan ki khopdi NOTE:-
* यह विधी हमेशा तांत्रिक लोग ही कर सकते हैं।* आम इंसान इस विधी को न करे नहीं तो इसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
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आंवले और हरण को लेकर डाक की गोली छाल से लपेटकर ऊपर मिट्टी का भूत या उसकी आग में स्पंदन करें गर्म हो जाने पर इनकी गुठलियों निकालकर ढाई मन तो ले ली और उखल में घुटने में इनमें दही घी शहद तिलका लक मिट्टी तेल शर्करा चीनी मिलाकर कुटी आदेश का विधि को करें इसके सेवन के समय दूसरा कोई अनार नहीं खाना चाहिए पश्चात युवा यूज़ मूंग आदि का भी अन्य की पनीर चीज आदि देकर पैलेस के समान भोजन कर लाना चाहिए प्रतिदिन की की मालिश और जो के चूर्ण से उल्टन करें प्रयोग करने के बाद अग्नि बल को देखते हुए रसायन को 2 तोला सेवन करें आहार के लिए की शादी के यूस या दूध के साथ खाना चाहिए इसके पश्चात आहार विहार का सेवन करना चाहिए इस प्रयोग से ऋषि यों ने पुनः युवा अवस्था को प्राप्त किया था अनेक वर्षों की आयु की भी थी।
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वह बहुत दिनों तक निरोग और शरीर वृद्धि इंद्रिय बल से युक्त रहे वह व्रत तथा निष्ठा द्वारा तपस्या करते रहे लक्ष्मी विद वाणी सरस्वती और कांति स्वयं सामने उपस्थित हूं 1 वर्ष पर्यंत केवल दूध पर रहकर सदा गायों के बीच में निवास करें वहां पर ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए गायत्री का ध्यान दें।
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1 वर्ष के उपरांत माघ फाल्गुन मास किसी भी पुण्यतिथि में आंवले के जंगल में पहुंचे वहां पर जाने से पूर्व तीन दिन तक उपवास करें फिर फिर शुद्ध होकर वन में घुसे वहां किसी भी आम लोगों से युक्त ब्रिज पर चढ़कर हाथ से फल को पकड़कर अमृत के आने से क्षण भर के लिए आंवले में अमृत तत्व आ जाता है अमृत के आने से आंवले ससुर और शहद के समान मीठे इसने हवाले तथा कोमल हो जाते हैं जो इनको खाए वह जितना भी आंवला खा गया उतनी ही हजार वर्ष तक की युवा रहकर जीवित रहेगा यदि भरपेट तृप्त होकर खाए तो अमर हो जाए तथा वह दीर्घायु हो लक्ष्मी तथा कांति स्वयं उसके सामने उपस्थित होती हैं।
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