vyapar badhane ka mantra
vyapar badhane ka mantra या कारोबार बांधने का यंत्र:-
vyapar badhane ka mantra |
vyapar badhane ka mantra सामग्री:-
108 पीपल के पत्ते, काली बकरी का दूध, एक मिट्टी का घड़ाvyapar badhane ka mantra समय:-
शनिवार या दीपावली के दिनvyapar badhane ka mantra विधि:-
इस विधि को करने के लिए सबसे पहले आप नहा धोकर हमेशा की तरह साफ हो जाइएअब बताई हुई सामग्री को अपने पास एकत्रित करके रख लीजिए।अब 108 पीपल के पत्तों पर बकरी के दूध से इस बताए हुए यंत्र को लिखिए।
अब इन पत्तों को धूप में सुखाकर महीन पीसकर अपने पास रख लीजिए।
इसके बाद इस पिसे हुए मिश्रण को एक मिट्टी के घड़े में जल भरकर उसमें मिला लीजिए और जिस किसी का कारोबार आप को बंद करना हो उस स्थान पर ले जाकर छिड़क दीजिए इससे उसका कारोबार हमेशा के लिए बंद हो जाएगा।
vyapar badhane ka mantra |
कि उनका जितना घनिष्ठ और निकट का नाता होता है उतना ही उनका एक दूसरे के प्रति अगाध प्यार होता है एक दूसरे की याद उनके मन में ऐसी बस जाती है कि भुलाए नहीं भूलती जैसे कोई प्रेमी व्यक्ति सोचता है कि मैं दफ्तर से छुट्टी पाऊं तो जाकर अपनी प्रेमिका से मिली स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा भी यही सोचता है कि छुट्टी हो और हम अपने माता-पिता भाई-बहन से मिली उसी प्रकार बालक का संबंध अपने माता पिता से जुड़ा होता है वह माता-पिता कीमत पर चलता है माता-पिता कीमत ना मानकर मनमानी करना तो यह सिद्ध करता है कि बालक को माता-पिता की विद्यार्थी को शिक्षक का जो सम्मान तथा इसने होना चाहिए वह नहीं है अर्थात शारीरिक संबंध भले ही वह उसका हार्दिक अथवा मानसिक संबंध नहीं है जहां की चढ़ा होता है वहां कीड़े पैदा होते हैं ऐसे ही हमारे अंदर थोड़ा भी खिचड़ा होगा तो हमारी तो बीमारी पैदा करेगा इसलिए अंदर बाहर सफाई रखो ईश्वरीय कार्य प्रमाण चलो तो सब ठीक है कोई बात पकड़ कर रखी तो कर्म बंधन बढ़ गया जैसे लोगों को मानसिक टोकरी से नाना नाना प्रकार की चिंताएं अर्थात व्यर्थ संकल्प रूपी कूड़ा भर जाने से मस्तिष्क भारी हो जाता है व्यर्थ चिंता है आदि से मानसिक भोजन हो जाता है जैसे हम लाठी हाथ में पकड़े रहेंगे तो मेरे हाथ भी उस में फंसा रहेगा यदि लाठी छोड़ देंगे तो लाठी भूमि पर गिर जाएगी और हाथ का बोझ खत्म हो जाएगा इसी प्रकार आप अपने मस्तिष्क के टोकरी में भरे व्यर्थ के संकल्प रूपी कचरे को निकाल चिंता मुक्त बने या है अपने मस्तिष्क के तनाव कम करने का धन या संसार एक ड्रामा मंच है इस संसार में सभी पाठ दारी ऐक्टर हैं और वह अपना वंडरफुल पाठ बजा रहे हैं और जब बात खत्म हो जाता है तो यह शरीर के अंदर आत्मा रूपी बैटरी खत्म हो जाती है और शरीर मृत हो जाता है।
guru ji koi sidhi btaeye
ReplyDeletebtayenge
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