kisi ko vash mein karne ka tarika
kisi ko vash mein karne ka tarika या भी प्राणी को वश में करने का मिश्रण बनाने की विधि:-
kisi ko vash mein karne ka tarika |
kisi ko vash mein karne ka tarika सामग्री:-
जलती चिता की राख, मछली का तेलkisi ko vash mein karne ka tarika विधि:-
इस विधि को करने के लिए किसी भी दिन या समय की आवश्यकता नहीं है आप इसे किसी भी दिन कर सकते हैं।जलती हुई चिता की राख को मछली के तेल में भीगोकर एक हफ्ता यानी 7 दिन रखें।
जब यह सूख जाए और सूखकर भुर-भूरी हो जाए तो, इसे अपने पास रख लीजिए।
जिस प्राणी को अपने वश में करना हो उसके सिर में चुटकी भर डाल दीजिए।
इतना करने के पश्चात यह मंत्र तीन बार बोलें।
kisi ko vash mein karne ka tarika मंत्र:-
ऊँ ळशम वशमऊँ ळशम वशमऊँ ळशम वशमसवाहा सवाहा सवाहा।
इस मंत्र के पश्चात पहले प्रभु का नाम ले फिर जिस को वश में करना हो उसका नाम ले,आप देखेंगे कि शीघ्र ही वह कार्य आपका संभव हो जाता है।kisi ko vash mein karne ka tarika |
kisi ko vash mein karne ka tarika सावधानियां:-
इसे अपने निजी स्वार्थ के लिए कभी भी नहीं करना चाहिए।जब आप कोई लगे या जब इसकी जरूरत हो तभी आप इस कार्य को करें अन्यथा इसका बुरा असर आपके और आपके परिवार पर पड़ सकता है।
kisi ko vash mein karne ka tarika कालसर्प योग :-
कालसर्प योग से जो जातक या जो व्यक्ति प्रभावित होते हैं उन्हें स्वप्न में सांप दिखाई देते हैं व्यक्ति अपने कार्यों में कठिन परिश्रम करने के बावजूद अपने आशाओं जैसी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है हमेशा मानसिक चिंताओं से तनाव ग्रह रहता है या ग्रस्त रहता है अकारण लोगों से शत्रुता बढ़ती है गुप्त शत्रु सक्रिय रहते हैं जिससे सही निर्णय नहीं ले पाते पारिवारिक जीवन करें पूर्ण हो जाता है विवाह में विलंब अता होती है और व्यवहारिक वैवाहिक जीवन में तनाव के साथ अनिष्ट कारी स्थितियां हो जाती हैं कालसर्प योग सर्वाधिक प्रभाव कार्य होता है व्यक्ति को इस समय शारीरिक मानसिक पारिवारिक सामाजिक आर्थिक व्यवसाय आदि से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है कालसर्प से डरने या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं आता कालसर्प योग का निर्णय किसी योग्य ज्योतिष से कराकर उसका निदान करा लेना चाहिए
kisi ko vash mein karne ka tarika कालसर्प योग प्रमुख रूप से भाव की आधार से 12 प्रकार के होते हैं
(1) अनंत कालसर्प योग (2) कुलिक कालसर्प योग(3) शंख कालसर्प योग (4) वासुकी कालसर्प योग (5) पद्दा कालसर्प योग (6) महापदम कालसर्प योग (7) तक्षक कालसर्प योग (8) कर्कोटक कालसर्प योग (9) शंख चूड़ कालसर्प योग (10) घातक कालसर्प योग (11) विषधर कालसर्प योग (12) शेषनाग कालसर्प योग
राहु और केतु हमेशा वक्र गति से चलते हैं राहु से केतु की ओर बनने वाला योग ही कालसर्प योग बनता है कि तू से राहु की ओर बनने वाला योग अनेक ज्योतिष द्वारा कालसर्प योग नहीं माना जाता है कालसर्प योग किसी ना किसी पूर्व जन्म कृत दोष अथवा पितृ दोष के कारण बनता है।
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