is banane ka tarika

 is banane ka tarika या शत्रु का शरीर फुलाने का यंत्र बनाने की विधि:-

is banane ka tarika
 is banane ka tarika

इस यंत्र को बनाने के लिए आप सबसे पहले नहा धोकर स्वच्छ हो जाइए।
इसके पश्चात एक सफेद कागज पर लाल स्याही से इस यंत्र को लिखकर ,मदार के पेड़ में धागे की सहायता से बां आइए।
11 दिन के बाद उस कागज को खोल कर वापस अपने पास ले आइए तथा इस यंत्र के पीछे दूसरी तरफ अपने शत्रु का नाम लिखें और इससे जिसका नाम आपने लिखा है उसके घर में डाल दे कुछ समय पश्चात आप देखेंगे कि आपके शत्रु का शरीर फूल जाता है,और वह काफी परेशान हो जाता है।

 is banane ka tarika यंत्र निम्न प्रकार है :-

यंत्र:-

is banane ka tarika
 is banane ka tarika
is banane ka tarika कालसर्प योग
(1) is banane ka tarika अनंत कालसर्प योग
इस योग में लगन से सप्तम भाव तक बनने वाला योग है जिससे मनुष्य को मानसिक अशांति कपट बुद्धि वैवाहिक जीवन का दुख में होना तथा जातक को आगे बढ़ने में काफी संघर्ष करना पड़ता है।
(2)is banane ka tarika कुलिक कालसर्प योग
द्वितीय स्थान से अष्टम स्थान तक पढ़ने वाला योग जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है अर्थात क्षेत्र में अत्यंत संघर्ष करना पड़ता है व्यक्ति के वाणी में कर्कश अपन से कलह की स्थिति बन जाती है पारिवारिक विरोध अक्षय अपयश का भागी विवाह में विलंब तथा विच्छेद भी बन जाता है।
(3)is banane ka tarika शंखपाल कालसर्प योग
या यूं चतुर्दस से दशम भाव में बनता है जिससे व्यक्ति नौकरी विद्या धन आदि में रुकावटें खड़ी होती हैं व्यापार में घाटा आदि होना या सामना करना पड़ता है तथा कोई ना कोई विद्न्यान समस्या अवश्य पड़ती है।
(4)is banane ka tarika वासुकी काल सर्प योग
क्या योग तृतीय से नवम भाव में बनता है पारिवारिक विरोध भाई बहनों से मनमुटाव मित्रों से धोखा मिलता है कानूनी रुकावटें धर्म के प्रति नास्तिका नौकरी धंधे में उलझने बनती हैं व्यक्ति के साथ कोई ना कोई बदनामी जुड़ी रहती है मानसिक तनाव भी बढ़ता रहता है।
(5) is banane ka tarika पदम कालसर्प योग
पंचमी से एकादश भाव में राहु केतु होने से यह योग बनता है ऐसे में व्यक्ति को विद्या अध्ययन में रुकावट आती है संतान सुख में कमी या संतान का दूर रहना या विच्छेद होना पत्नी व मित्रों से विश्वास में कमी जुआ लाटरी सट्टा में स्व स्व स्व / विश्वस्य व्यक्तियों में धोखा संघर्षपूर्ण जीवन बनता है व्यक्ति की शिक्षा अपूर्ण रहती है या रहने की संभावना रहती है।
6 महापदम कालसर्प योग या 6 से 12 वे भाव में राहु और केतु होने से यह योग बनता है आत्मबल में गिरावट आती है पत्नी वो प्रयत्न के बाद भी बीमारियां नहीं छूटती हैं गुप्त शत्रु निरंतर षड्यंत्र करते रहते हैं यात्राओं की अधिकता रहती है।
(7)is banane ka tarika कर्कोटक कालसर्प योग
अष्टम भाव से द्वितीय भाव तक राहु केतु होने से कर्कोटक कालसर्प योग बनता है व्यक्ति को अल्पायु दुर्घटना का भय ऊपरी बाधाएं स्वास्थ्य चिंता अर्थ आणि व्यापार में नुकसान अधिकारियों से मनमुटाव साझेदारी में धोखा अकाल मृत्यु आदि सहयोग का सामना करना पड़ता है।
(8)is banane ka tarika तक्षक कालसर्प योग
सत्यम सिंह लग्न तक राहु केतु होने से यह योग बनता है इसमें प्रभाव विवाहित जीवन एवं संपत्ति के स्थायित्व जीवन साथी से बिच्छू प्रेम प्रसंग में असफलता बनती कार्यों में रुकावट आना बड़ा पद मिलते मिलते रुक जाता है असाध्य रोगों से जूझना पड़ता है मानसिक परेशानी बनी रहती है।
(9)is banane ka tarika शंखनाद कालसर्प योग
नवम से तृतीय भाव में राहु केतु होने से शंखनाद कालसर्प योग बनता है भाग्योदय में परेशानी मित्रों द्वारा कपट आगे बढ़ने में रुकावट है व्यापार में घाटा नौकरी आदि में अवनति घरेलू आपसी संबंध में दरार शासन से कार्यों में अवरोध जातक के सुख में कमी होती है।
(10)is banane ka tarika घातक कालसर्प योग
दशम से चतुर्थ भाव तक राहु केतु होने से घातक कालसर्प योग बनता है इसमें व्यापार में घाटा साझेदारी में मनमुटाव व सरकारी अधिकारियों से अनबन रहता है तथा माता-पिता दादा-दादी का योग होता है गृहस्ती जीवन में कष्ट होता है निरंतर बढ़ती चिंताएं आती रहती हैं।
(11) is banane ka tarika विषधर कालसर्प योग
एकादश स्थान से पंचम स्थान में राहु केतु स्थिति होने से विषधर कालसर्प योग बनता है इस योग में उच्च शिक्षा में बाधा आती है नेत्र में पीड़ा होती है अनिद्रा रोग होता है किसी लंबी बीमारी का योग होने की संभावना रहती है काका व चचेरे भाइयों में झगड़ा निरंतर होता रहता है परिवार में विग्रह होने की संभावना होती है धन के मामले में बदनामी बहुत होती है जन्म स्थान से दूर जाना आदि पड़ सकता है।
(12) is banane ka tarika शेषनाग कालसर्प योग
द्वादश से छठे भाव में राहु केतु स्थिति होने से यह योग बनता है इस युग में शत्रुता की अधिकता होती है व्यक्ति को कोर्ट कचहरी में पराजय का सामना करना पड़ता है या हार का सामना करना पड़ता है निराशा अधिक रहती है मनचाहा कार्य में रुकावट आती है दिल दिमाग परेशान रहता है कर्जा उतारने में रुकावटें खड़ी हो जाती हैं हर कार्य में विलंब अता होती है ज्योतिष शास्त्र में सबसे राहु और केतु का संबंध जोड़ा गया है राहु को सर्प का मुहूर्त और केतु को पूछ माना जाता है आकाश में भौतिक शरीर ना होने पर भी इन छाया ग्रहों को अन्य सात ग्रहों सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र और शनि के समान ही स्थान प्राप्त है कुंडली में राहु और केतु सदैव आमने-सामने 180 डिग्री पर रहते हैं यदि सातों ग्रह राहु केतु की एक तरफ सिमट जाएं और दूसरी और कोई ग्रह नहीं बचे तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है।

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