हिंदू धर्म में हजारों तरह की विद्याओं और साधनाओं का वर्णन मिलता है। साधना से सिद्धियां प्राप्त होती हैं। व्यक्ति सिद्धियां इसलिए प्राप्त करना चाहता है, क्योंकि या तो वह उससे सांसारिक लाभ प्राप्त करना चाहता है या फिर आध्यात्मिक लाभ। मूलत: साधना के चार प्रकार माने जा सकते हैं- तंत्र साधना, मंत्र साधना, यंत्र साधना और योग साधना। चारों ही तरह की साधना के कई उप प्रकार हैं। सवाल यह है कि तंत्र साधना क्या है? तांत्रिक दुनिया का बचाव ,वशीकरण क्या है?
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मां दुर्गा के सभी स्वरूपों का वर्णन:-
मित्रों मैं आज आपको आने वाले नवरात्र में मां भगवती या मां दुर्गा के सभी स्वरूपों के बारे में बताऊंगा तथा इस नवरात्र में कई प्रकार के यंत्र मंत्र जाप आदि सिद्ध किए जाते हैं उनमें से कुछ बातें आपको मैं बताऊंगा मां जगदंबा के नवरात्र में नौ रूपों का वर्णन निम्न प्रकार है:-
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(१) शैलपुत्री:-
मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में शैलपुत्री के नाम से जानी जाती हैं पर्वत राज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा मित्रों नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस शैलपुत्री की पूजा और अर्चना की जाती है यह मां बहुत दयालु होती है!
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(२) ब्रह्मचारिणी:-
मां दुर्गा अपने दूसरे स्वरूप में ब्रह्मचारिणी के नाम से जानी जाती हैं यहां ब्रह्मा शब्द का अर्थ तपस्या है ब्रह्मचारिणी अर्थात अपकी चरणी ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योति मौर्य एवं अत्यंत भव्य इन के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है!
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(३) चंद्रघटा:-
मां दुर्गा अपने तीसरे स्वरूप में चंद्रघंटा चंद्रघण्टा के नाम से जानी जाती हैं उनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा कहां जाता है!
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(४) कूष्माण्डा:-
मां दुर्गा अपने चौथे स्वरूप में कुष्मांडा के नाम से जानी जाती हैं अपनी मंद हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात् ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा पड़ा है!
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(५) स्कंदमाता:-
मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है कि भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय नाम से भी जानी जाती हैं इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है!
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(६) कात्यायनी:-
मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी है महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी इसी कारण यह कात्यायनी कहलाए मां कात्यानी अमोघ फल दायिनी हैं
मां दुर्गा के सातवें स्वरूप को कालरात्रि के नाम से जाना जाता है मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक होता है इसी कारण इनका नाम शुभंकरी भी है! Maa Durga Ke 9 Roop कालरात्री
यह माँ दुर्गा का अत्यंत भयानक रूप है। इसमें जब चण्ड -मुण्ड नामक असुर अपने पराक्रम और असुरो से मिलकर हिमालय पर आक्रमण करने गए और माँ पार्वती द्वारा समझाने पर नहीं माने और उनको अपने साथ बंदी बनाकर ले जाना चाह रहे थे तो माँ दुर्गा में से एक शक्ति माँ पार्वती में आगयी और उन्होंने महा काली का रूप लिया और उन असुरो का बध कर दिया।
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(८) महागौरी :-
मां दुर्गा के आठवां स्वरूप को महागौरी के नाम से जाना जाता है दुर्गा पूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है इनकी शक्ति अमोघ फल दायिनी है!
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(९) सिद्धिदात्री:-
मां दुर्गा की नवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली है नवदुर्गा में मां सिद्धिदात्री अंतिम है!
मित्रों मां दुर्गा की पूजा वैसे तो कई विधि से होती है, लेकिन कुछ विधि ऐसी हैं जो लगभग समान और एक जैसी होती हैं जिनको करना अनिवार्य होता है मैं उन्हीं में से एक विधि को बताने जा रहा हूं!
मित्रों नवरात्र से 1 दिन पहले हमें पूजा सामग्री लाकर अपने घर में अपने पास रख लेना चाहिए!
सामग्री निम्न प्रकार है!
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सामग्री:-
एक मिट्टी का कलश, सवा मीटर लाल कपड़ा, कपूर,अगरबत्ती,एक सुपारी , मिट्टी का दीपक,मिट्टी का एक छोटा दीपक एक बड़ा दीपक एक लाल चुनरी पंचामृत गंगाजल तांबे का एक छोटा लोटा घंटी जो उगाने के लिए थोड़ी सी मिट्टी आरती करने के लिए पूजा थाली घी कलावा रोली चौकी आदि!
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पूजा विधि:-
भगवती दुर्गा का साधक वक्त स्नान आदि से शुद्ध हो कर शुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को सजा वे मंडप में श्री दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित करें मूर्ति के दाएं और कलश स्थापन कर तथा कलश के ठीक सामने मिट्टी व रेत मिलाकर जौ बो दे मंडप के पूर्व कोण में दीपक के स्थापना करें पूजन में सर्वप्रथम यथा विधि गणेश जी का पूजन करके अन्य देवी देवताओं का पूजन करें तत्पश्चात जगदंबा का पूजन करना चाहिए!
पूजा अर्चना करने के बाद आखरी में माता की आरती करनी चाहिए!
संसार मोहन मंत्र सिद्ध करना।।all mohini mantra in hindi:- all mohini mantra in hindi Doston aaj ham aapako (all mohini mantra in hindi) ek aisa mantr siddh karana bataenge jise siddh karake aap kisee ko bhee apane vas mein kar sakate hai.lekin doston mantr tabhee siddh kare jab isakee jaroorat ho kyoki vasheekaran kee siddhiyon (all mohini mantra in hindi) mein jaan ka khatara bana rahata hai. iseelie hamaaree aapase anurodh hai kee pooree jaanakaaree hone par hee koee kaary kare. all mohini mantra in hindi सामग्री:- लाल आसन कुम्हार की आवा का मिट्टी रुद्राक्ष की माला all mohini mantra in hindi समय:- मूल नक्षत्र, ब्रह्म मुहूर्त all mohini mantra in hindi दिशा:- उत्तर all mohini mantra in hindi all mohini mantra in hindi विधि:- Es mantr ko siddh karane ke lie sabase pahale bataee huee (all mohini mantra in hindi) saamagree ko 1 din pahale apane paas ekatrit kar le aur ab mool nakshatr mein kumhaar ke aava kee mittee se uttar disha...
Bachche kee Najar utaarane ke aasaan totake aur vidhi ।। bacche ki Nazar utarna:- नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग या हमारी वेबसाइट तांत्रिक विद्या समाधान और पूजा विधि पर दोस्तों आज मैं आपको बच्चों की नजर उतारने की कुछ विधि और मंत्र के बारे में बताऊंगा जिन्हें आप करके यदि किसी छोटे बच्चे को या किसी शख्स को या किसी प्राणी को यदि नजर लग गई हो तो आप क्या विधि करके उसे हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं या सही कर सकते हैं। (1) नमक कराईकाल लहसुन प्याज के सूखे छिलके व सुखी मिर्ची अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर 7 बार घुमाने से बुरी तरह नजर का दोष मिट जाता है। (2) शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेम पूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर मिलाकर नजर लगे हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम हो जाता है। (3) खाने के समय भी किसी व्यक्ति की नजर लग जाती है तो इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से 7 बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोली को पिलाने से नजर दोष दूर होने लगता है या दूर हो ...
kameshwari yakshini sadhana in hindi (5) कामेश्वरी याक्षिणी kameshwari yakshini sadhana in hindi kameshwari yakshini sadhana in hindi साधना नियम :- kameshwari yakshini sadhana in hindi यह याक्षिणी रात्रि के आरम्भ काल में सिद्ध की जाती है जब तक रात्री समाप्त नहीं होती है बराबर जप करना पड़ता है। इसकी साधना गूलर के बृछ के निचे की जाती है और घी का चौमुखा दीपक जलाकर साधक अपने सामने रख लेता है और उसकी 'लौ' बिना पलक बन्द किये बिना लगातार रात भर देखता रहता है। जीस समय साधक में लगातार बिना पलक झपकाए रात भर देखने की शक्ति आ जाती है ,उसी दिन से याक्षिणी अपने अनेक रूपों में दर्शन देना आरम्भ क्र देती है। kameshwari yakshini sadhana in hindi कामेश्वरी याक्षिणी का स्वरूप :- kameshwari yakshini sadhana in hindi kameshwari yakshini sadhana in hindi कामेश्वरी याक्षिणी का स्वरूप काफी शांतिमय होता है यह चन्द्रमा के समान उज्जवल वर्ण वाली हंस की सवारी पर धीरे -धीरे आती है। गले में मोतियों की माला धारण किये रहती है इसके पीछे चार ...
bhut badhiyaaaa
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