षटकर्म
षटकर्म
जय माता दी मित्रों
आज मैं आपको बताऊंगा कि कोई भी सिधि या तंत्र का प्रयोग करने से पहले हम सबको षटकर्म का ज्ञान अवश्य होना चाहिए !इसीलिए आज मैं आपको षटकर्म के बारे में बताएंगे
षटकर्म में 6 प्रयोग आते हैं
(1) शांति (4) उच्चाटन(2) वशीकरण (5) विद्वेषण
(3)स्तंभन (6) मारण
शांति षटकर्म
वशीकरण षटकर्म
स्तंभन षटकर्म
विद्वेषण षटकर्म
उच्चाटन षटकर्म
मारण षटकर्म
इन छह कर्मों से संबंधित कोई भी तंत्र या सिद्धि करने से पहले हमें ऋतुओं का विशेष ज्ञान होना चाहिए या हमें यह पता होना चाहिए कि किस ऋतु में कौन सी सिद्धि की जाती है !
वह निम्न प्रकार है
(1) शांति कर्म - हेमंत ऋतु(2) वशीकरण कर्म- बसंत ऋतु
(3) स्तंभन - शिशिर ऋतु
(4) विद्वेषण - ग्रीष्म ऋतु
(5) उच्चाटन -वर्षा ऋतु
(6) मारण -शरद ऋतु
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सूर्य उदय से सूर्यास्त तक, छह की छह ऋतु अपना भोग कर जाती हैं
सूर्य उदय के पश्चात 10 घड़ी तक बसंत, दोपहर में ग्रीष्म, दोपहर के पश्चात वर्षा, संध्या के समय शिशिर, आधी रात को शरद तथा प्रातः काल में हेमंत ऋतु आदि !
इन सिद्धियों को करने में आशंन रंग, दिन, नक्षत्र और तिथि का भी ध्यान रखना चाहिए !
इसको हमने एक चार्ट के द्वारा आप को समझा दिया है इसको ध्यान से देखें और अपने काम को आगे की तरफ करें !
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